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Man ke upar shayari – बेस्ट 101 + मन के ऊपर शायरी

Man ke upar shayari – बेस्ट 101 + मन के ऊपर शायरी – शब्दों का जादू है शायरी, जिसमें छिपा है मन की कहानी। विचारों के संगम पर बसीं एक ख़ासीयत, जो बहरा होते हुए भी मिलाती है सही रास्ता। मन के गहराईयों को खोलकर उसके राज उजागर करती है शायरी की बनाई कहानियाँ। इस समृद्ध भाषा का अपना अलग महत्व है, जो हर व्यक्ति के दिल की बातों को समझती है, विशेषकर हिंदी भाषा में जिसमें शायरी का अपार अनुभव होता है।

शायरी का सौंदर्य उसके शब्दों में छुपा है, जिनसे मन की सारी भावनाएं बयाँ हो जाती हैं। संगीत की तरह शायरी भी मन को एक स्थान से दूसरे स्तर तक ले जाती है, जहां रंगमंच पर उसके अंदर के भाव उभरकर आते हैं। एक अच्छी शायरी वो है जो सीधे दिल को छू जाए, जिसमें समस्त विचार, भावनाएं, और अनुभवों को सांझा किया जाता है।

Man ke upar shayari – बेस्ट 101 + मन के ऊपर शायरी

मन के ऊपर शायरी का महत्वपूर्ण सिद्धांत है – सरल, सुसंगत, और सार्थक। विचारों की भावनाएं जिस तरह से इसमें प्रकट होती हैं, वह दिल के क़रीब जा कर रह जाती हैं। शब्दों की चुनौती भी होती है, क्योंकि एक शायर को अपने शब्दों में उन भावनाओं को समेटना होता है, जिन्हें शब्दों में व्यक्त करना असान नहीं।

मन के ऊपर शायरी का अद्भुत जगत विशाल है, जिसमें हर विषय को छूने की कोशिश की जाती है। प्यार, दर्द, अलविदा, ख़ुशी, ग़म, उम्मीद, सपने – सभी को व्यक्त करने का यह एक रूप है। शायर अपने शब्दों में अपने भावों को झलकाते हैं, जो सभी के दिलों में एक अलग सा जगा बना देते हैं। शायरी का यह माहौल सबको खींच लेता है, क्योंकि यह विचारों की दुनिया है, जो हर किसी के अंतर के गुहार तक पहुँचती है।

शायरी एक भावुक रस की अद्भुत शृंगारगाथा है, जिसमें बिखरे हुए भावों को ढंक दिया जाता है और उन्हें एक सुंदर ताज़ा कहानी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। मन की गहराइयों को उजागर करने वाली शायरी का यह आभूषण समझना मुश्किल है, क्योंकि इसमें कहीं न कहीं हम खुद को भी पाते हैं। शब्दों के माध्यम से शायर अपने भावों को सभी से संबोधित करते हैं, जो उनकी विशिष्टता हैं।

समझने वाले को मिलती है शायरी की गहराई, जो दिल के संगीत से भरी है। शब्दों की इस कृति में छुपी है वो ख़ास सांस, जो मन के ऊपर अपना राज जमाती है। इसीलिए हर किसी के दिल का यही गाना है – मन के ऊपर शायरी।

Man ke upar shayari

Man ke upar shayari

 

आईना नहीं मेरे मन की हरकतों का,
वही जानता है, मेरे सब राज़ छुपे हुए हैं।

दिल के रास्ते उसने खोल दिए हैं,
मेरे मन के सफ़र उसी के संग रोज़ चलते हैं।

ख्वाबों के नशे में हैं भिगोए हुए हम,
मेरे मन की हर ख़्वाहिश उसी की ओर बढ़ती है।

आईने में देख रहा हूँ मैं,
मन के तबाही भरे दरारों को।

बेखुदी के इश्क़ में खोया हुआ हूँ,
मन के उदास अंदाज़ को सुन लो तुम।

उसकी यादों के सहारे चलता हूँ,
मन के अज़नाबी रास्तों पर।

उड़ती हुई धूल के पीछे छुप जाता है,
मन का असली रंग जिसे जानता है कोई नहीं।

ख्वाबों की दुनिया में बसा हूँ मैं,
मन की आवाज़ उसे भी छू जाती है।

दर्द की दस्तकों को सुन रहा हूँ,
मन की दीवारों के पीछे।

चाँदनी रातों में बिखरता है मेरा मन,
ख्वाबों की दुनिया में खोया हुआ हूँ।

मन के कोने में छुपा है एक राज़,
उस राज़ को खोजने को हूँ मैं तैयार।

मन की तन्हाईयों में खोया हुआ हूँ,
उस तन्हाई में उसकी यादों को पाता हूँ।

बेख़बर मन की कहानी सुन लो,
मन के इश्क़ की तलाश में हूँ मैं।

ज़िन्दगी के मेले में खोया हुआ हूँ,
मन की भीड़ में खुद को खो गया हूँ।

उसकी आँखों के ज़हर में खो जाता हूँ,
मन की बातों को वो समझ जाती है।

उसकी यादों की छाँव में बहता हूँ,
मन की धड़कनों को वो सुनती है।

Udas man shayari in hindi

Udas man shayari in hindi

 

चलते चलते मन की यादों में खो जाता हूँ,
उसकी आवाज़ को सुनते हुए।

खो जाने का डर मन को सताता है,
उसकी बातों में खोने को बेकरार हूँ।

उसकी यादों के साये में चलता हूँ,
मन के अज़नाबी सफ़रों पर।

बिखरे हुए मन की ज़मीन को संभालता हूँ,
उसकी बातों में खोया हुआ हूँ।

मन की आवाज़ को सुन रहा हूँ,
उसकी यादों के एहसासों में।

दिल की धड़कनों को सुन रहा हूँ,
मन की भावनाओं को समझ रहा हूँ।

उसकी खुशबू में बहता हूँ,
मन की खिड़की से।

चांद की रौशनी में खो जाता हूँ,
मन की अँधेरी रातों में।

उसके सपनों में खो जाता हूँ,
मन की ज़मीन उसके नाम कर देती है।

मन के आईने में खो जाता हूँ,
उसकी आँखों की दीवारों में।

दिल की धड़कनों की धुन में खो जाता हूँ,
मन की बातों में उसके।

ख्वाबों की दुनिया में खो जाता हूँ,
मन के अनजान सफ़रों में।

उसकी आवाज़ में खो जाता हूँ,
मन की दुनिया में।

मन के अज़नाबी रास्तों में चलता हूँ,
उसकी यादों के साथ।

मन की आग में जलता हूँ,
उसकी बातों के चारों ओर।

उसके ख़्वाबों के साहिल पर खड़ा हूँ,
मन के तूफ़ानों में लिपटा हुआ।

उसकी यादों के बादलों में घुल जाता हूँ,
मन की आंधी में बेहका हुआ।

Man ke upar shayari in hindi

man ke upar shayari in hindi

 

मन की दरियाँ में खो जाता हूँ,
उसकी मुस्कान के सिन्दूर में।

उसकी आँखों की मेहरबानी में खो जाता हूँ,
मन की खिड़कियों से।

उसके इश्क़ की गर्मी में जलता हूँ,
मन के उस ज़ख़्म की छाँव में।

उसके साथ चलते चलते खो जाता हूँ,
मन के उस सफ़र की राहों में।

मन की आवाज़ को सुनते हुए खो जाता हूँ,
उसके दिल की धड़कनों की धुन में।

उसकी यादों के समंदर में डूब जाता हूँ,
मन के सपनों की नाव को लेकर।

उसके इश्क़ के जादू में खो जाता हूँ,
मन के उस रंगीन फ़साने में।

उसके साथ बिताए लम्हों में खो जाता हूँ,
मन के उस ख़्वाबों की दुनिया में।

उसकी आँखों की चमक में खो जाता हूँ,
मन की रौशनी से।

मन की अनजान राहों में खो जाता हूँ,
उसकी यादों के चाँदनी रातों में।

उसकी आवाज़ की ताज़गी में खो जाता हूँ,
मन की उसके साथ गुज़ारी हुई रातों में।

उसके सपनों की गहराई में खो जाता हूँ,
मन के उस नदी के किनारे।

मन के उस ख़्वाब के पीछे खो जाता हूँ,
जिसे पूरा करने की तमन्ना रखता हूँ।

उसकी आँखों के आगे खुद को भूल जाता हूँ,
मन के उस अधूरे ख़्वाब की धुन में।

मन की अज़नाबी राहों में खो जाता हूँ,
उसके ख्वाबों के इशारों में।

उसकी आँखों के परदे में खो जाता हूँ,
मन के उस राज़ को समझते हुए।

उसकी यादों के सहारे जी जाता हूँ,
मन के उस दरियाँ में।

मन के उस सफ़र की खोज में खो जाता हूँ,
जिसका अंत नहीं हो सकता।

उसके साथ चलते चलते खो जाता हूँ,
मन के उस अनजान मंजिल की राहों में।

उसकी मुस्कान के छाँव में खो जाता हूँ,
मन की उस पहेली के सवालों में।

मन की बेरंग दुनिया में खो जाता हूँ,
उसकी रंगीन ख्वाबों में।

उसकी आँखों के ज़हर में खो जाता हूँ,
मन की उस नागिन की मोहब्बत में।

उसके सपनों की छाँव में खो जाता हूँ,
मन के उस संसार की दस्तक में।

मन की उस छोटी सी दुनिया में खो जाता हूँ,
जो सिर्फ उसकी है।

उसकी ख़्वाबों की मेहनत में खो जाता हूँ,
मन के उस उड़ान के परदे में।

उसके साथ जीने की आदत में खो जाता हूँ,
मन के उस जन्नत के रास्तों में।

उसके साथ बिताए लम्हों की याद में खो जाता हूँ,
मन के उस ख्वाब के ख़तरे में।

मन की अनजान राहों में खो जाता हूँ,
उसकी यादों की छाँव में।

उसकी मुस्कान की दिलकशी में खो जाता हूँ,
मन की उसके आगे हार जाता हूँ।

उसके इश्क़ की बारिश में भिगो जाता हूँ,
मन की उस प्यास को शांत करते हुए।

Man ke upar shayari status

Man ke upar shayari status

 

उसकी आँखों के समंदर में डूब जाता हूँ,
मन की उस पुरानी कहानी में।

मन की उस तलाश में खो जाता हूँ,
जो कहीं खो गई है।

उसके ख्वाबों की मिसाल में खो जाता हूँ,
मन की उस प्यारी सी कहानी में।

उसकी आँखों की दुल्हनिया में खो जाता हूँ,
मन की उस वीरान बस्ती की ख़ुशबू में।

मन की उस दरियाँ के किनारे खड़ा हूँ,
जिसे पार करने की चाहत रखता हूँ।

उसके साथ बिताए लम्हों को सजाता हूँ,
मन के उस सपनों को वापस आने की दुआ रखता हूँ।

उसकी आँखों की मेहनत में खो जाता हूँ,
मन की उस उम्र की चाहत में।

मन की खिड़की से उसके दरमियान खड़ा हूँ,
जिसे खोने का डर नहीं है।

उसके साथ चलते चलते खो जाता हूँ,
मन की उस ख्वाब की राहों में।

उसके दिल के दरवाज़े पर खड़ा हूँ,
मन के उस प्यार के सवालों में।

उसके ख्वाबों की ज़मीन में खो जाता हूँ,
मन की उस सपनों की मुहर्रम में।

उसकी आँखों की रौशनी में खो जाता हूँ,
मन की उस रास्ते की दौड़ में।

मन की उस धड़कन की गहराई में खो जाता हूँ,
जिसे समझने की ख़्वाहिश रखता हूँ।

उसकी यादों के झरने में बहता हूँ,
मन की उस गहरी ख़ामोशी में।

उसके आगे खुद को भूल जाता हूँ,
मन की उसकी ख़ामोशी में।

मन की उस आग की भेंट चढ़ाता हूँ,
जिससे उसकी ख़्वाबों की दुनिया में जल रहा हूँ।

उसके सपनों की बारात में शामिल हो जाता हूँ,
मन की उसके साथी बन जाता हूँ।

उसकी आँखों के सवालों में खो जाता हूँ,
मन की उस प्यारी सी कहानी में।

उसके बालों में खो जाता हूँ,
मन की उस खिलखिलाहट में।

मन की उस दरियाँ के तट पर खड़ा हूँ,
जहाँ उसकी यादों के लहरों में खो जाता हूँ।

उसके साथ बिताए वक़्त में खो जाता हूँ,
मन की उसकी बातों में।

उसकी आँखों की ख़्वाहिश में खो जाता हूँ,
मन की उस इश्क़ की राहों में।

मन की उस परी को ढूँढने की चाहत में खो जाता हूँ,
जो कहीं छुप गई है।

Sad Man ke upar shayari status

Sad Man ke upar shayari status

 

उसकी आँखों की महफ़िल में खो जाता हूँ,
मन की उसकी मुस्कान में।

उसके इश्क़ के सफ़र में खो जाता हूँ,
मन की उसके साथ बिताए लम्हों की याद में।

मन की उस प्यारी सी राहों में खो जाता हूँ,
जो मुझे उस तक पहुंचाती है।

उसकी आँखों के चरणों में खो जाता हूँ,
मन की उसके साथ बिताए लम्हों में।

उसके आगे खुद को खो जाता हूँ,
मन की उसके साथ जीने की आदत में।

मन की उस आग के सामने खड़ा हूँ,
जिससे मैं जलता हूँ।

उसके ख्वाबों के मेहमान में खो जाता हूँ,
मन की उस रास्ते की तलाश में।

उसकी आँखों की जादू में खो जाता हूँ,
मन की उस ख़्वाबों की दुनिया में।

मन की उस सीने में छुपी हुई दर्द की तलाश में खो जाता हूँ,
जिसकी खोज में खुद को खो जाता हूँ।

उसके साथ चलते चलते खो जाता हूँ,
मन की उस ख़्वाबों की बारात में।

उसकी आँखों के जादू में खो जाता हूँ,
मन की उस खिलखिलाहट में।

मन की उस आवाज़ की ख़ोज में खो जाता हूँ,
जिसे सुनकर मैं भटकता हूँ।

उसकी यादों के सहारे जी जाता हूँ,
मन की उस अनजान राहों में।

मन की उस आग को बुझाने का सफ़र,
उसके साथ चलते चलते भीग जाता हूँ।

उसकी आँखों की मधुरता में खो जाता हूँ,
मन की उस प्यारी सी कहानी में।

उसके ख्वाबों के साथ आँखें मिचोली,
मन की उस सफ़र में खो जाता हूँ।

मन की उस सागर के लहरों में खो जाता हूँ,
जो उसके आगे झुक जाता है।

उसकी यादों के ख़्वाबों में खो जाता हूँ,
मन की उस रास्ते पर चलते चलते।

उसके आँखों के दीपक में जल जाता हूँ,
मन की उसकी मोहब्बत में।

मन की उस बारिश की छाँव में खो जाता हूँ,
जिसमें उसकी मुस्कान छुपी हो।

उसकी यादों के साथ जीने की आदत में खो जाता हूँ,
मन की उसकी ख़्वाबों में खोया हुआ हूँ।

उसकी आँखों के सहारे बिताता हूँ रातें,
मन की उसके साथ बिताए लम्हों में।

मन की उस आवाज़ के इशारों में खो जाता हूँ,
जिससे मैं उसकी बातों की बारीकी समझता हूँ।

उसकी यादों की ख़ुशबू में खो जाता हूँ,
मन की उसकी मोहब्बत की निशानी में।

उसके साथ बिताए हुए पलों की ख़बर लेता हूँ,
मन की उसकी यादों में खो जाता हूँ।

मन की उस आवाज़ को समझता हूँ,
जिससे वो बिन बातों की मुझसे बातें करती है।

उसकी यादों के साथ खेलता हूँ छिपाछिपी,
मन की उसकी आँखों में खो जाता हूँ।

उसके आगे खुद को भूलता हूँ,
मन की उसकी हर बात पर यकीन करता हूँ।

उसकी आँखों की गहराई में खो जाता हूँ,
मन की उस प्रेम की उमंग में।

उसके सपनों की उड़ान में खो जाता हूँ,
मन की उस नौरतन की मुस्कान में।

मन की उस प्यारी बातों में खो जाता हूँ,
जो उसकी आँखों की कहानी में छुपी है।

उसकी यादों के साथ धुल जाता हूँ,
मन की उस ख्वाबों की गहराई में।

उसके साथ चलते चलते खो जाता हूँ,
मन की उस जहाज़ की बौछार में।

मन की उस दरियाँ की उचाई में खो जाता हूँ,
जहाँ उसके साथ जीने का मज़ा है।

उसकी आँखों के नज़ारे में खो जाता हूँ,
मन की उसके साथ बिताए लम्हों में।

उसके इश्क़ के जादू में खो जाता हूँ,
मन की उस प्यार के सफर में।

उसकी यादों की गहराई में खो जाता हूँ,
मन की उसके साथ बिताए लम्हों में।

उसके साथ बिताए वक़्त में खो जाता हूँ,
मन की उसकी आँखों के सपने में।

मन की उस दरियाँ के किनारे खड़ा हूँ,
जहाँ उसकी ख्वाबों की मनज़िल है।

उसकी आँखों की मेहफ़िल में खो जाता हूँ,
मन की उसकी मोहब्बत के ज़ालिम ज़माने में।

उसके सपनों की सड़कों में खो जाता हूँ,
मन की उस राहों का रास्ता बताता हूँ।

उसकी यादों के सहारे चलता हूँ रास्ते,
मन की उसकी बातों में खो जाता हूँ।

उसकी आँखों की दीवानगी में खो जाता हूँ,
मन की उसके इश्क़ की आग में।

मन की उस प्यारी सी दुनिया में खो जाता हूँ,
जिसमें उसके साथ बिताए लम्हे भर।

उसकी आँखों के साथ खेलता हूँ छिपाछिपी,
मन की उसकी मुस्कान में खो जाता हूँ।

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