Top 5 Best Bhagavad Gita Quotes In Hindi

Top 5  Best Bhagavad Gita Quotes In Hindi – आज से लगभग 5158 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण नें अर्जुन को कुरुक्षेत्र में Bhagavad Gita Quotes 44 मिनिट्स में सुनायी थी, क्यूंकि कहीं ना कहीं हम भी उसी अर्जुन की तरह कुरुक्षेत्र नामक युद्ध के मैदान में फंसे हुए है! इन श्लोक के माध्यम से मैं आप सभी को जीवन की वास्तविकता बताने का प्रयास किया हूँ! 

क्यूंकि हम इंसान सांसारिक मोह माया में फंसे हुये है, जिससे हमे बाहर निकलकर हम सबको अपने असली धाम गोलोंक धाम में जाना है! 

 सबसे पहले हम सब Shrimad Bhagavad Gita को नतमस्तक करते है! क्यूंकि श्रीमद्भगवद्गीता से हम सब अपने जिंदगी के सारे प्रश्न समझने वाले है, क्यूंकि हम इंसान हमेशा सवालों में फंसा रहता है, और गीता सारे वेदों का सार है, जिसमें आपके सारे प्रश्न के उत्तर आपको मिलेंगे! जिन्होंने गीता बोली है, वो परमब्रह् भगवान श्रीकृष्ण की चरणों में शत शत नमन करते है! 

तो मैं आज आपके लिए श्रीमद भगवद गीता से प्रेरित होकर कुछ फेमस तथा महत्वपूर्ण Bhagavad Gita Quotes Hindi में लेकर आया हूँ, जिसे पढ़ने के बाद आपकी जिंदगी में अवश्य बदलाव  जाएगी!  

Top 5  Best Bhagavad Gita Quotes In Hindi. 

top best bhagavad gita quotes in hindi

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 2 श्लोक 24

अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च।

नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः ।।

 यह आत्मा अच्छेद्य है, यह आत्मा अदाह्य,

अक्लेद्य और नि:सन्देह अशोष्य है तथा यह आत्मा नित्य,

सर्वव्यापी, अचल, स्थिर रहनेवाला और सनातन है 

top famous bhagavad gita quotes  in hindi

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 2 श्लोक 26

अथ चैनं नित्यजातं नित्यं वा मन्यसे मृतम्।

तथापि त्वं महाबाहो नैवं शोचितुमर्हसि ॥

 यदि तू इस आत्माको सदा जन्मनेवाला तथा

सदा मरनेवाला मानता हो, तो भी हे महाबाहो! तू इस

प्रकार शोक करनेको योग्य नहीं है ! 

top motivational bhagavad gita quotes in hindi

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 2 श्लोक 27

जातस्य हि ध्रुवो मुत्युर्धवं जन्म मृतस्य च।

तस्मादपरिहार्येऽथै न त्वं शोचितुमर्हसि ॥

क्योंकि इस मान्यताके अनुसार जन्मे हुएकी मृत्यु

निश्चित है और मरे हुएका जन्म निश्चित है।

इससे भी इस बिना उपायवाले विषयमें तू शांक करने

योग्य नहीं है। 

heart touching bhagavad gita quotes in hindi

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 2 श्लोक 28

अव्यक्तादीनि भूतानि व्यक्तमध्यानि भारत

अव्यक्तनिधनान्येव तत्र का परिदेवना।।

सम्पूर्ण प्राणी जन्मसे पहले अप्रकट थे, 

औरम रनेके बाद भी अप्रकट हो जानेवाले हैं, 

केवल बीचमें हीप्र कट हैं; 

फिर ऐसी स्थितिमें क्या शोक करना है?

life quotes in bhagavad gita

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 2 श्लोक 29

आश्चर्यवत्पश्यति कश्चिदेन-

माश्चर्यवद्वदति तथैव चान्यः।

आश्चर्यवच्चैनमन्यः

शृणोति

श्रुत्वाप्येनं वेद न चैव कश्चित्॥

कोई एक महापुरुष ही इस आत्माको आश्चर्यको

भाँति देखता है और वैसे ही दूसरा कोई महापुरुष ही इसके

तत्त्वका आश्चर्यको भाँति वर्णन करता है तथा दूसरा कोई

अधिकारी पुरुष ही इसे आश्चर्यको भाँति सुनता है और

कोई-कोई तो सुनकर भी इसको नहीं जानता ॥ 

About The Author

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top